Friday, 24 February 2017

शिव के अर्चन का कोई विशेष दिन ही क्यूँ ? क्यूँ न प्रतिदिन हम उन्हें ध्यायें ? हाँ ! हम प्रति दिन प्रतिपल शिव के ध्यान में रहें पर कभी अतिरिक्त ऊर्जा की भी आवश्यकता होती है |ये मानव मन बहुत शीघ्र विचलित हो जाता है इस की नीव बहुत ही कमजोर है ,अब एक मजबूत और पक्के मकान के लिए तो नीव का मजबूत होना बहुत आवश्यक है तो समय समय पे ये व्रत -त्यौहार हमारी नीव को पुख्ता करने का ही कार्य करते हैं ताकि हम आंधी तूफान और भूकम्प में भी डगमगाएं नहीं,चिन्तित न हों ,विचलित न हों | कलयुग में तो विचलित करने वाली घटनाएँ साथ-साथ ही चलती है | मीरा का जीवन नहीं हिला -नीव पक्की थी ,ध्यान की भक्ति की नीव थी मजबूत ! जैसे हम मोबाइल को रोज चार्ज करते हैं वैसे ही मन की चार्जिंग भी बहुत जरुरी है |मन को परमात्मा से कनेक्ट करना ,ये व्रत त्यौहार हमारे जीवन में सौकेट का काम करते हैं ,अपने मन की डोरी लगाइए और कई दिनों के लिए चार्ज हो जाइए | भगवान कहाँ खाते हैं वो तो भाव के ही भूखे हैं ,शिव ही सत्य है ये भाव कहीं गहरे हमारे भीतर पैंठ रहा है | हम शिवोहम को पहचान पा रहे हैं | नेति नेति करना हमें आने लगा है हम ज्ञान से परे जाने लगे हैं फिर जो बचता है वही कल्याणकारी शिव है। 
पार्वती पति हर हर शंकर ,कण -कण शंकर ,शिवोहम || 
*** शिवरात्रि कल्याणकारी हो ,मंगलमयी हो ,स्वयं से स्वयं की पहचान करवाए ..--जी भारत की रात्रि और अभी मैं जहां हूँ वहां दिन --यानी शिवरात्रि में रात्रि जागरण --कभी उत्तरकाशी में करते थे उत्साह और उल्लास से ,शिव मेरे मायके के देवता ---महा शिव रात्रि ,जो सत्य है ,वही शिव है -वही सुंदर है | यही शिवरात्री का मूल मन्त्र है ,सत्य नेति -नेति करके जो शेष बचे ,ज्ञान से परे __जो केवल होने का अहसास मात्र है जब! सब कुछ मिल जाए -वही शिव है जिसे ब्रह्मा -विष्णु महेश सब पूजते हैं ,जिसे राम भी अपना आराध्य मानते हैं -___
" लिंग थापी विधिवत करी पूजा |शिव सामान प्रिय मोहि न दूजा "-----
मानस में तुलसी ने प्रत्येक काण्ड का प्रारंभ शिवार्चन से ही किया है _________
_"भवानीशंकरौवन्दे श्रद्धा विश्वास रुपिणौ | 
याभ्यां बिना न पश्यन्ति सिद्धा: स्वान्तःस्थमीशवरम " ||_____
शिव जिसके बिना हम अपने अंत:करण में स्थित ईश्वर को देख ही नहीं सकते |
......शिव मुझे शक्ति दें शिवत्व धारण करने की ,----महाशिवरात्रि कल्याणकारी हो --