आज की चर्चा लव -जिहाद
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लव-जिहाद ---कई वर्षों से ये शब्द सुनाई दे रहा है |, एक छोटा सा घाव जिसका समय पे उपचार न हो सका और वो कैंसर बन गया | लव हिंदी या उर्दू में जिसका अर्थ ही थोडा या अंशमात्र हो ---ये प्यार का विकृत स्वरुप है ,जिसका अर्थ ही प्यार न होकर infatuation यानि आवेश में बह जानाहै | प्यार को किसी व्यक्ति विशेष या जाती विशेष से जोड़ के नहीं देखा जा सकता ,प्यार को परिभाषित करने की कोई तकनीक नहीं है ,ये गवईं गाँव से लेकर ,मिडिल,लोअर मिडिल ,अपर हिन्दू -मुस्लिम -सिख इसाई ,किसी से भी हो सकता है |पर मर्यादा ,सामाजिक असंतुलन ,बदनामी ,ये सब भी सदैव ही जुड़ जाते है इससे | वरना तो प्यार शकुन्तला को हुआ ,प्यार रुक्मणी को हुआ ,प्यार संयुक्ता को हुआ ,और प्यार सावित्री को भी हुआ | तो लव को प्यार समझने की भूल न करें |
जिहाद के नाम पे धर्म परिवर्तन के लिए लड़कियों को जो बहकाया जा रहा है (यदि ऐसा है तो ) ये कई वर्षों से सुनने में आ रहा है ,और कुछ उदाहरण भी सामने आ रहे हैं ,इस पर अवश्य ही संज्ञान लिया जाना चाहिये और रोक लगनी चाहिये | आज छोटे -और मंझोले शहरों के बच्चे इंटरनेट से जुड़ के बड़े-बड़े सपने देखते हैं ( जो उस उम्र की हकीकत है ) और येन -केन प्रकारेण उनको पूरा करना चाहते हैं | इसी का लाभ ये नफरत फ़ैलाने वाले सो काल्ड धर्म के ठेकेदार ,हेट-मोंगर्स उठाते हैं | लड़कियां क्यूंकि वर्जनाओं में पली होती हैं तो वो सबसे कमजोर कड़ी होती हैं प्रहार करने के लिए | फिर ,शिक्षा का आभाव , दहेज ,बड़ी शादी ,ससुराल की प्रताड़ना और शादी के बाद भी बंदिश ,इस सब से मुक्ति का सपना और सुंदर जिन्दगी ,माँ-बाप के सर पे कर्जे का बोझ नहीं ,जैसे कई कारण होते हैं कि लडकियाँ इस कुचाल को समझ नहीं पाती है |लड़कियों को छिछोरी और कम अक्ली बोलने या माता- पिता के पालन-पोषण और संस्कारों को कोसने से कुछ नहीं होता है |किसी भी सोची समझी साजिश की हवा चलती है ,तब न संस्कार काम आते हैं न धर्म की वर्जनाएं |
कहते हैं किसी व्यक्ति से बदला लेना हो तो उसके बेटे को दोस्त बना के बिगाड़ दो ,वो बिना कुछ करे तबाह हो जाएगा ,और किसी कौम से बदला लेना हो तो उसकी लड़कियों को भ्रष्ट कर दो ,कौम की कौम खत्म हो जायेगी | पर लोग ये भूल जाते हैं की वार उल्टा भी पड़ सकता है | अब लव जिहाद को ही लीजिये यदि तारा जैसी लड़कियां हों तो कुचक्री परिवार ही तबाही के कगार पे आ जायेंगे | मेरा तो मानना है कि हिन्दुस्थान में हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे के विरोधी ही ये सब करवा रहे है ,और दोनों जातियों के कमजोर और ईजी मनी ,या बिना मेहनत के सुखसुविधा चाहने वाले नवयुवक-नवयुवतियां इसमें फंस रहे हैं |वरना तो ये लव-जिहाद मुस्लिम सम्प्रदाय के लिये भी दुःख दायक ही है | एक तरह से देखा जाय तो उनके लडकों को भी पैसे देके और तरह-तरह के प्रलोभन देके बहकाया जाता है इस सब के लिए |फिर मुल्ला मौलवी मदरसों के दरवाजे आधुनिकता के लिए नहीं खोलते हैं | उन्हें बचपन से ही सिखाया जाता है हलाल का खाना ,धर्म को फैलाना ,कौम का विस्तार ,जिहाद पे जन्नत और बहतर हूरें | मेरे सम्पर्क में कई पढ़े लिखे जहीन मुस्लिम नवयुवक हैं जो देश और समाज की उन्नति में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं ,और अपने धर्म का भी सम्मान करते हैं | उन्होंने अपने को बंद नहीं रखा | हम लोगों ने सदियों पहले जब और धर्म-सम्प्रदाय इस दुनिया में आये भी नहीं थे ,इन पण्डे ,पुजारियों से मुक्ति पा ली थी ,ये सब हमारे कर्मकांडों के साधन मात्र हैं ,हमें साधने वाले साधक नहीं ,फिर भी हमारे बच्चे राम-कृष्ण-हनुमान -माँ के भक्त हैं जब कि हिन्दू धर्म में धार्मिक होने का कोई आग्रह भी नहीं है ,तो एक ऐसे सम्प्रदायमें जहाँ पे सबकुछ पवित्र कुरान और मुल्ला मौलवियों की परिधि में घूमता हो बच्चे यदि कट्टर हों तो उनकी क्या गलती |पर उनकी ये ही कट्टरता कुछ हिन्दुओं को भी कट्टर होने पे मजबूर कर रही है |
जहाँ तक लव जिहाद की बात है तो इसका तोड़ राजनीति से , नेताओं से , टी,वी के बेदिमागी और एरोगेंट एंकर के प्रोग्राम में जा के नहीं निकाला जा सकता | दोनों समाजों के प्रबुद्ध लोग ,बड़े बूढ़े ,और धार्मिक गुरु ,मिल बैठें ,देश में भाईचारे और सौहार्द्य की सोचे ,दोनों देखें कि दोनों के ही घर में आग फ़ैल रही है ,जिस देश का खाते हैं उसके लॉ ऑफ़ लैंड को मानें ,तबही इस साजिश से पार पाया जा सकता है | कुछ हद तक ,साजिश का खुलासा होने पे सख्त कानूनी प्रक्रिया और दंड भी समाधान हो सकता पर उम्मीद कम है क्यूंकि जहाँ से बलात्कार जैसे जुर्म में न्याय में देरी है वहां शादी पे कहाँ पूछ होगी |
लव जिहाद में धोखा देके शादी करना ही नहीं ,प्यार में फंसा के शादी करना फिर शादी के समय और बाद में दहेज या किसी भी रूप में पैसों की डिमांड करना और अपनी कुत्सित मानसिकता से लडकी को प्रताड़ित करना ये भी धोखाधड़ी ही है ,इन सब धोखों को क्रिमिनल एक्ट मानना पड़ेगा | सबसे बड़ी बात , सूडो -सेक्युलरों से और वोट की राजनीती से सावधान रहने की आवश्यकता है | देश में बहुत सी समस्याएं हैं और देश पुनर्निर्माण की दहलीज पे खड़ा है ,विकास होगा तो हर कौम -धर्म और सम्प्रदाय का होगा ,देश आगे न बढ़े ,और चुनिन्दा विकसित देशों की दादा गिरी चलती रहे ,इसीलिए इस तरह की घटनाओं के लिए बाहरी देशों से पैसा आता है | इस अनैतिक पैसे के आवागमन को रोकना सरकारों का काम है जिस पे पिछली सरकारों ने ध्यान ही नहीं दिया |आतंकवाद ,लव-जिहाद ये सब विदेशी पैसे पे ही फल फूल रहे हैं | पैसे आने के ये चैनल बंद होने ही चाहियें |
सबसे बड़ी बात ,जो लडकियाँ लव जिहाद की शिकार बनी है ,वो टी.वी. अख़बारों में अपनी आप बीती बयान कर रही हैं ,हम रोज किसी न किसी चैनल पे ये देख रहे हैं और प्रिंट मीडिया में पढ़ रहे हैं ,तो क्या हमारी लडकियाँ इतनी नासमझ हैं की अभी भी फसेंगी इस कुचाल में ,या दूसरे समाज के नवयुवक बिलकुल ही दिमाग से पैदल हैं कि इस का अंजाम देख के भी इस कुचक्र में फसेंगे | शायद दोनों ही और के समझदार लोगों को मिल बैठ के निष्कर्ष निकलना होगा ताकि प्यार बदनाम न हो और विश्वास बना रहे |
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लव-जिहाद ---कई वर्षों से ये शब्द सुनाई दे रहा है |, एक छोटा सा घाव जिसका समय पे उपचार न हो सका और वो कैंसर बन गया | लव हिंदी या उर्दू में जिसका अर्थ ही थोडा या अंशमात्र हो ---ये प्यार का विकृत स्वरुप है ,जिसका अर्थ ही प्यार न होकर infatuation यानि आवेश में बह जानाहै | प्यार को किसी व्यक्ति विशेष या जाती विशेष से जोड़ के नहीं देखा जा सकता ,प्यार को परिभाषित करने की कोई तकनीक नहीं है ,ये गवईं गाँव से लेकर ,मिडिल,लोअर मिडिल ,अपर हिन्दू -मुस्लिम -सिख इसाई ,किसी से भी हो सकता है |पर मर्यादा ,सामाजिक असंतुलन ,बदनामी ,ये सब भी सदैव ही जुड़ जाते है इससे | वरना तो प्यार शकुन्तला को हुआ ,प्यार रुक्मणी को हुआ ,प्यार संयुक्ता को हुआ ,और प्यार सावित्री को भी हुआ | तो लव को प्यार समझने की भूल न करें |
जिहाद के नाम पे धर्म परिवर्तन के लिए लड़कियों को जो बहकाया जा रहा है (यदि ऐसा है तो ) ये कई वर्षों से सुनने में आ रहा है ,और कुछ उदाहरण भी सामने आ रहे हैं ,इस पर अवश्य ही संज्ञान लिया जाना चाहिये और रोक लगनी चाहिये | आज छोटे -और मंझोले शहरों के बच्चे इंटरनेट से जुड़ के बड़े-बड़े सपने देखते हैं ( जो उस उम्र की हकीकत है ) और येन -केन प्रकारेण उनको पूरा करना चाहते हैं | इसी का लाभ ये नफरत फ़ैलाने वाले सो काल्ड धर्म के ठेकेदार ,हेट-मोंगर्स उठाते हैं | लड़कियां क्यूंकि वर्जनाओं में पली होती हैं तो वो सबसे कमजोर कड़ी होती हैं प्रहार करने के लिए | फिर ,शिक्षा का आभाव , दहेज ,बड़ी शादी ,ससुराल की प्रताड़ना और शादी के बाद भी बंदिश ,इस सब से मुक्ति का सपना और सुंदर जिन्दगी ,माँ-बाप के सर पे कर्जे का बोझ नहीं ,जैसे कई कारण होते हैं कि लडकियाँ इस कुचाल को समझ नहीं पाती है |लड़कियों को छिछोरी और कम अक्ली बोलने या माता- पिता के पालन-पोषण और संस्कारों को कोसने से कुछ नहीं होता है |किसी भी सोची समझी साजिश की हवा चलती है ,तब न संस्कार काम आते हैं न धर्म की वर्जनाएं |
कहते हैं किसी व्यक्ति से बदला लेना हो तो उसके बेटे को दोस्त बना के बिगाड़ दो ,वो बिना कुछ करे तबाह हो जाएगा ,और किसी कौम से बदला लेना हो तो उसकी लड़कियों को भ्रष्ट कर दो ,कौम की कौम खत्म हो जायेगी | पर लोग ये भूल जाते हैं की वार उल्टा भी पड़ सकता है | अब लव जिहाद को ही लीजिये यदि तारा जैसी लड़कियां हों तो कुचक्री परिवार ही तबाही के कगार पे आ जायेंगे | मेरा तो मानना है कि हिन्दुस्थान में हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे के विरोधी ही ये सब करवा रहे है ,और दोनों जातियों के कमजोर और ईजी मनी ,या बिना मेहनत के सुखसुविधा चाहने वाले नवयुवक-नवयुवतियां इसमें फंस रहे हैं |वरना तो ये लव-जिहाद मुस्लिम सम्प्रदाय के लिये भी दुःख दायक ही है | एक तरह से देखा जाय तो उनके लडकों को भी पैसे देके और तरह-तरह के प्रलोभन देके बहकाया जाता है इस सब के लिए |फिर मुल्ला मौलवी मदरसों के दरवाजे आधुनिकता के लिए नहीं खोलते हैं | उन्हें बचपन से ही सिखाया जाता है हलाल का खाना ,धर्म को फैलाना ,कौम का विस्तार ,जिहाद पे जन्नत और बहतर हूरें | मेरे सम्पर्क में कई पढ़े लिखे जहीन मुस्लिम नवयुवक हैं जो देश और समाज की उन्नति में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं ,और अपने धर्म का भी सम्मान करते हैं | उन्होंने अपने को बंद नहीं रखा | हम लोगों ने सदियों पहले जब और धर्म-सम्प्रदाय इस दुनिया में आये भी नहीं थे ,इन पण्डे ,पुजारियों से मुक्ति पा ली थी ,ये सब हमारे कर्मकांडों के साधन मात्र हैं ,हमें साधने वाले साधक नहीं ,फिर भी हमारे बच्चे राम-कृष्ण-हनुमान -माँ के भक्त हैं जब कि हिन्दू धर्म में धार्मिक होने का कोई आग्रह भी नहीं है ,तो एक ऐसे सम्प्रदायमें जहाँ पे सबकुछ पवित्र कुरान और मुल्ला मौलवियों की परिधि में घूमता हो बच्चे यदि कट्टर हों तो उनकी क्या गलती |पर उनकी ये ही कट्टरता कुछ हिन्दुओं को भी कट्टर होने पे मजबूर कर रही है |
जहाँ तक लव जिहाद की बात है तो इसका तोड़ राजनीति से , नेताओं से , टी,वी के बेदिमागी और एरोगेंट एंकर के प्रोग्राम में जा के नहीं निकाला जा सकता | दोनों समाजों के प्रबुद्ध लोग ,बड़े बूढ़े ,और धार्मिक गुरु ,मिल बैठें ,देश में भाईचारे और सौहार्द्य की सोचे ,दोनों देखें कि दोनों के ही घर में आग फ़ैल रही है ,जिस देश का खाते हैं उसके लॉ ऑफ़ लैंड को मानें ,तबही इस साजिश से पार पाया जा सकता है | कुछ हद तक ,साजिश का खुलासा होने पे सख्त कानूनी प्रक्रिया और दंड भी समाधान हो सकता पर उम्मीद कम है क्यूंकि जहाँ से बलात्कार जैसे जुर्म में न्याय में देरी है वहां शादी पे कहाँ पूछ होगी |
लव जिहाद में धोखा देके शादी करना ही नहीं ,प्यार में फंसा के शादी करना फिर शादी के समय और बाद में दहेज या किसी भी रूप में पैसों की डिमांड करना और अपनी कुत्सित मानसिकता से लडकी को प्रताड़ित करना ये भी धोखाधड़ी ही है ,इन सब धोखों को क्रिमिनल एक्ट मानना पड़ेगा | सबसे बड़ी बात , सूडो -सेक्युलरों से और वोट की राजनीती से सावधान रहने की आवश्यकता है | देश में बहुत सी समस्याएं हैं और देश पुनर्निर्माण की दहलीज पे खड़ा है ,विकास होगा तो हर कौम -धर्म और सम्प्रदाय का होगा ,देश आगे न बढ़े ,और चुनिन्दा विकसित देशों की दादा गिरी चलती रहे ,इसीलिए इस तरह की घटनाओं के लिए बाहरी देशों से पैसा आता है | इस अनैतिक पैसे के आवागमन को रोकना सरकारों का काम है जिस पे पिछली सरकारों ने ध्यान ही नहीं दिया |आतंकवाद ,लव-जिहाद ये सब विदेशी पैसे पे ही फल फूल रहे हैं | पैसे आने के ये चैनल बंद होने ही चाहियें |
सबसे बड़ी बात ,जो लडकियाँ लव जिहाद की शिकार बनी है ,वो टी.वी. अख़बारों में अपनी आप बीती बयान कर रही हैं ,हम रोज किसी न किसी चैनल पे ये देख रहे हैं और प्रिंट मीडिया में पढ़ रहे हैं ,तो क्या हमारी लडकियाँ इतनी नासमझ हैं की अभी भी फसेंगी इस कुचाल में ,या दूसरे समाज के नवयुवक बिलकुल ही दिमाग से पैदल हैं कि इस का अंजाम देख के भी इस कुचक्र में फसेंगे | शायद दोनों ही और के समझदार लोगों को मिल बैठ के निष्कर्ष निकलना होगा ताकि प्यार बदनाम न हो और विश्वास बना रहे |