''माँ ''
सुनहरा अक्षर
तेरी माँ -मेरी माँ -
मेरी माँ की माँ ,मेरे पिता की माँ -
मैं भी माँ -वो भी माँ--
शहद तो कभी नीम सी माँ -
हमारे जैसे घरों की ,घर संभालती माँ -
रिश्तों की माला का धागा -माँ -
आफिस जाती माँ --
दूसरे के घरों में काम करती माँ --
जूठे बर्तन मांजती -झाड़ू-पोछा करती माँ -
मजदूरी करती माँ ,पत्थर तोड़ती माँ -
सब्जी-फल ,चाय-पकौड़े का ठेला लगाती माँ .
खेतों में काम करती माँ -
कारखानों ,खदानों में काम करती माँ -
घर में कोई भूखा न रहे - भूख नही है -
कहती माँ -
बच्चों के लिए -अपने को भूलती माँ -
पिता को संभालती माँ -
लाल बत्ती ,चौराहों ,मन्दिरों में --
भीख मांगती माँ --
ऐसी माँ वैसी माँ --
माँ ,आई ,मम्मी ,मदर ,बई ,ईजा -
न जाने कितने संबोधन वाली माँ -
राम की माँ , कृष्ण की माँ -
शहीदों की माँ -
क्या कहूँ --
चकलों -जेलों में बच्चों को -
पढ़ाती संस्कार देती माँ ---
-माँ माआआआआआआआआआआ--
ॐ की भांति ही सृजन का नाद माँआआआआआआआआआअ
शत-शत नमन -चरण वन्दन --
या देवी सर्व भूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता ,
नमस्तस्ये नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||
सुनहरा अक्षर
तेरी माँ -मेरी माँ -
मेरी माँ की माँ ,मेरे पिता की माँ -
मैं भी माँ -वो भी माँ--
शहद तो कभी नीम सी माँ -
हमारे जैसे घरों की ,घर संभालती माँ -
रिश्तों की माला का धागा -माँ -
आफिस जाती माँ --
दूसरे के घरों में काम करती माँ --
जूठे बर्तन मांजती -झाड़ू-पोछा करती माँ -
मजदूरी करती माँ ,पत्थर तोड़ती माँ -
सब्जी-फल ,चाय-पकौड़े का ठेला लगाती माँ .
खेतों में काम करती माँ -
कारखानों ,खदानों में काम करती माँ -
घर में कोई भूखा न रहे - भूख नही है -
कहती माँ -
बच्चों के लिए -अपने को भूलती माँ -
पिता को संभालती माँ -
लाल बत्ती ,चौराहों ,मन्दिरों में --
भीख मांगती माँ --
ऐसी माँ वैसी माँ --
माँ ,आई ,मम्मी ,मदर ,बई ,ईजा -
न जाने कितने संबोधन वाली माँ -
राम की माँ , कृष्ण की माँ -
शहीदों की माँ -
क्या कहूँ --
चकलों -जेलों में बच्चों को -
पढ़ाती संस्कार देती माँ ---
-माँ माआआआआआआआआआआ--
ॐ की भांति ही सृजन का नाद माँआआआआआआआआआअ
शत-शत नमन -चरण वन्दन --
या देवी सर्व भूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता ,
नमस्तस्ये नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||
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