बादल से जुडी तेरी यादे
बादल नहीं ये आसमां पर,ये मेरे सपने हैं अपने ,
आज भू पर बरसते हैं !...
गर्जन जो है ये आसमां पर ,सपनों का मेरे बांकपन है ,
कह रहे हैं कहानी ,मन की मेरे अपनी धुनक में ,
और बिजली की चमक ये ,तड़प है तुझ से मिलन की
आज न रोको मुझे तुम ,मै चली हूँ देश तेरे .
लड़ियाँ जो बूंदों की बनी हैं ,हार मेरे आंसुओं का ,
भीगती हूँ मैं भी इसमें ,भीगता है तू भी इसमें ,
अहसास ये जो सर्द सा है ,छू रही हूँ ख़त मैं! जो तूने, लिखे थे ,
आज बा दल ये जो छाये आसमां पर ,
ये मेरे सपने ,मेरी आँखों से निकल कर ,
उमड़ -घुमड़ नाजो-अदा से बरसते हैं देश तेरे ...
.......................आभा .....................................
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