Sunday, 20 August 2017

अब नहीं सोचती तुम कितने वर्ष के होते ,समय की सीमा से परे जो चले गए हो पर हमारे दिलों में जैसे गए थे वैसे ही हो -
आज जन्मदिन है तुम्हारा अजय - मुझे मैसेज बॉक्स में सभी प्यार करने वाले मित्रों की बधाई ,शुभकामनायें और आशीष मिला --ठीक भी तो है तुम्हारे सारे उपहार मैं ही तो खोलती संभालती थी आज भी सारा प्यार मैंने झोली में समेट लिया --सभी गुरुजनों को प्रणाम! चरण स्पर्श !आपलोगों का आशीष उपहार है मेरे लिये। मित्रों का अभिवादन और हार्दिक धन्यवाद ,सभी छोटों को ढेर सा प्यार !खुश रहें आप सब खूब -खूब उन्नति करें और सभी प्यारी सखियों बहनों को प्यार भरी झप्पी और शुभकामनाएं। मैंने कोशिश की है इनबॉक्स में सभी का अभिनंदन अभिवादन करूं --यदि किसी का उत्तर नहीं दे पायी हूँ तो क्षमाप्रार्थी ढेर सी शुभकामनाएं और प्यार सभी को।
जन्मदिन की शुभकामनायें लो अजय --
कभी जन्माष्टमी से पहले कभी बाद में शिफ्ट होता था तुम्हारा जन्मदिन , और फिर सितम्बर में दोनों बच्चों का --भादों से अश्विन हमारे घर में त्यौहार ही त्यौहार बसते थे !क्या हुआ जो तुम मेरे पास नहीं हो तो ,कान्हा भी तो मेरे मन में ही हैं न ,और मैं तो तुम्हारी टाइमलाइन को ही संभाल रही हूँ '' बच्चों के आग्रह पे'' ; शून्य में होने पे भी इस जगह पे आती ही हूँ ,यहां तुम्हारा नाम जुड़ा है न । तुम हो हमारे साथ अजय ;आज भी कल भी हमेशा , मन के झरोंखों से झांकते ,हर सुख में खिलखिलाते हर दुःख में गले लगाते हुये। देख तो पाते हो तुम हमें ऊपर से ,बस हम ही ढूंढते रह जाते है तुम्हें।श्रधान्जली अजय ! जन्मदिन की बधाई ! तुम तो कान्हा के पास चले गये मेरी भी अर्जी आई है उसे भी देख लेना ---
( हर क्षण सपना ;सपने में बस तुम )और मैं ------
मैं कथाओं की माला
सुखदुःख की डोरी
व्यथाओं के मोती
समय की शिला पे
धुंधले -उजले
चित्रों की थाती
अश्रु से निर्मित
सघन नभ मन में
खारे या  मीठे
ये बादल अनूठे
मन आंगन में खेलें
स्मृतियों की चाबी
जरा सी जो घूमी
तड़ित मन में चमकी
रिमझिम फुहारें
बरस आयीं अखियां
अमरबेलि विष की
मधु बन  छलकी -
यादों के हिम कण
साँसों की अग्नि
उजला अँधेरा
धुवें ने अनोखा
चित्र उकेरा -
गलने को आतुर
 मन प्राण मेरा
यम ही तो होगा
पाहुन अब मेरा
आया था  ,छू के
तुम्हें  ले गया था
तब  से हूँ बैठी
दीपक जलाये
कथाओं की माला
व्यथाओं के मोती
शूलों की गोदी में
सुमनों को सहेजे
पाहुन के पथ
नित दीप  जलाती।।आभा।।








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