Thursday, 24 March 2016

 होली के अनोखे रंग ]
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टोली हुरियारों की आई
चलो चलें खेलें होली
रंग उधर मेज पे सारे
 मन -भावे का रंग चुन लें
रंग गुलाल से क्या होगा
ये भ्रष्टाचार का रंग चुनो
गर इस रंग में रंग जाओगे
नाती-पोते भी तर जायेंगे
साम्प्रदायिकता नाम है इसका
ये लाल हरा जो चमक रहा 
सेक्युलर तो टेसू सा छाया
वोट बहुत दिलवाता है
नेतागिरी चमकाता है
चाहते यदि नेता बनना
तो इससे ही होली खेलो
झूठ ,फरेब और धोखेबाजी
ये रंग थोड़े सस्ते हैं
आम आदमी चाहे इनको
महंगाई में भी ले सकता है
भौजी जो रंग तुमने है उठाया
नाम इसका नेता है
एक बार इसको लगवालो
फिर देखो कैसे---
 गिरगिट सा रंग बदलता है
और एक रंग इस जैसा ही
सफेद खून कहलाता है
चमचों और चालबाजों पे
ये रंग खूब सुहाता है
आतंकवादी का कहते हैं ,
कोई रंग नहीं होता 
पर हर आतंकवादी 
धानी धरती को लाल कर जाता है
पर भूख गरीबी के रंगों में 
रंग ,आओ मिल होली खेलें
टोली हुरियारों की आई
चलो -चलो होली खेलें .......आभा ....
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