Tuesday, 31 December 2013


आसमान में उड़ते  असंख्यों बर्फ के नर्म नाजुक धवल फाहों की मानिंद नव् वर्ष की शुभकामनाओं की बूंदा -बांदी |  चहुँ और उत्सव का माहौल , जोश ,जुनून ,बर्फीली हवा को चुनौती दे रहा महसूस होता है | ऐसे में मेरी ओर भी धुनिया की धुनकी से उडती हुई  रुई  के  फाहों सी शुभकामनाएं  नव वर्ष की |.आप सभी गुरुओं ,मित्रों और बच्चों को नव वर्ष मंगलमय हो | आने वाला समय सभी के जीवन में अपार खुशियाँ लाये और देश ,दुनिया के लिए शुभ हो | ...आभा ..

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