सिन्धु-तरन , सिय सोच हरन , रबि-बालबरन-तनु |
भुजबिसाल , मूरति कराल काहुको काल- जनु ||
गहन-दहन-निरदहन-लंक नि:सनक, बंक-भुव |
जातुधान - बलवान-मान-मद-दवन पवनसुव ||
कह तुलसिदास सेवतसुलभ , सेव हित संतत निकट |
गुनगनत , नमत ,सुमिरतजपत ,समनसकल-संकट-बिकट |-----
---तुलसी कहते हैं -हनुमान जीकी सेवा सहज और सरल है | गुणगान ,स्मरण,जप समर्पण बस और कुछ नही ===
उथपे थपनथिर थपे उथपनहार ,
केसरीकुमार बल आपनो संभारिये ||
राम के गुलामनि को कामतरु रामदूत,
मोसे दीन दूबरे को तकिया तिहारिये ||
======मेरे जैसे दीन को उबारने के लिये आपको फिर से अपनेबल का स्मरण करना पड़ेगा क्यूंकि हे रामदूत हमें आपका ही भरोसा है --आप कल्पवृक्ष हैं |
==============कोई न कोई बड़ा सर पे होना ही चाहिये ,और बजरंगबली सा साहेब मिल जाये तो जीवननैया आसानी से भवसागर पार कर जायेगी | मांगना ! जी कभी-कभी लगता है कोई होता जिससे हम भी मांगते --औरकुछ नही तो साहस जीने के लिए , हनुमानजी से बड़ा दाता कौन ,रामजी के कान्हाजी के सभी के काज बनाने वाले हैं ---पर लगता है मेरे लिये वो बूढ़े हो गये हैं===
तेरे थपे उथपे न महेस ,
थपै थिरको कपि जेघर घाले ||
तेरे निवाजे गरीबनिवाज ,
बिराजत बैरिन के उर साले ||
संकट सोच सबै तुलसी लिए ,
नाम फटै मकरीके -से जाले ||
बूढ़ भये , बली, मेरिहि बार |
कि हारि परे बहुतै नतपाले||
========हे हनुमानजी आप जिसे बसादें उसे शिव भी नही उजाड़ते तो क्या मेरी बारी में बूढ़े हो गये हैं या बहुत सेगरीबों का पालन करते करते थक गये हैं ---तुलसिदासजी कीभक्ति पूर्ण समर्पण , जिसे जीवन अर्पण तो उसे ही अपनी पीड़ा पे उलाहना भी दी जायेगी ना --इष्ट को ही उलाहना भी ===हनुमानजी मेरे भी इष्ट हैं .वो मेरे राखी- भाई हैं ,-==आज जन्मजयंती पे इष्ट की आरती तुलसीकृत हनुमानबाहुक के कुछ पदों से --और उलाहना इसलिये कि चौंक के मेरी ओर देखभर लें बस |
==हनुमंतजयन्ती की शुभकामनायें ----आभा -- :)
भुजबिसाल , मूरति कराल काहुको काल- जनु ||
गहन-दहन-निरदहन-लंक नि:सनक, बंक-भुव |
जातुधान - बलवान-मान-मद-दवन पवनसुव ||
कह तुलसिदास सेवतसुलभ , सेव हित संतत निकट |
गुनगनत , नमत ,सुमिरतजपत ,समनसकल-संकट-बिकट |-----
---तुलसी कहते हैं -हनुमान जीकी सेवा सहज और सरल है | गुणगान ,स्मरण,जप समर्पण बस और कुछ नही ===
उथपे थपनथिर थपे उथपनहार ,
केसरीकुमार बल आपनो संभारिये ||
राम के गुलामनि को कामतरु रामदूत,
मोसे दीन दूबरे को तकिया तिहारिये ||
======मेरे जैसे दीन को उबारने के लिये आपको फिर से अपनेबल का स्मरण करना पड़ेगा क्यूंकि हे रामदूत हमें आपका ही भरोसा है --आप कल्पवृक्ष हैं |
==============कोई न कोई बड़ा सर पे होना ही चाहिये ,और बजरंगबली सा साहेब मिल जाये तो जीवननैया आसानी से भवसागर पार कर जायेगी | मांगना ! जी कभी-कभी लगता है कोई होता जिससे हम भी मांगते --औरकुछ नही तो साहस जीने के लिए , हनुमानजी से बड़ा दाता कौन ,रामजी के कान्हाजी के सभी के काज बनाने वाले हैं ---पर लगता है मेरे लिये वो बूढ़े हो गये हैं===
तेरे थपे उथपे न महेस ,
थपै थिरको कपि जेघर घाले ||
तेरे निवाजे गरीबनिवाज ,
बिराजत बैरिन के उर साले ||
संकट सोच सबै तुलसी लिए ,
नाम फटै मकरीके -से जाले ||
बूढ़ भये , बली, मेरिहि बार |
कि हारि परे बहुतै नतपाले||
========हे हनुमानजी आप जिसे बसादें उसे शिव भी नही उजाड़ते तो क्या मेरी बारी में बूढ़े हो गये हैं या बहुत सेगरीबों का पालन करते करते थक गये हैं ---तुलसिदासजी कीभक्ति पूर्ण समर्पण , जिसे जीवन अर्पण तो उसे ही अपनी पीड़ा पे उलाहना भी दी जायेगी ना --इष्ट को ही उलाहना भी ===हनुमानजी मेरे भी इष्ट हैं .वो मेरे राखी- भाई हैं ,-==आज जन्मजयंती पे इष्ट की आरती तुलसीकृत हनुमानबाहुक के कुछ पदों से --और उलाहना इसलिये कि चौंक के मेरी ओर देखभर लें बस |
==हनुमंतजयन्ती की शुभकामनायें ----आभा -- :)
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