[ होली के अनोखे रंग ]
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टोली हुरियारों की आई है
चलो चलें होली खेलें .
रंग उधर मेज पे सारे ,
अपने मन का रंग चुन लें .
रंग गुलाल से क्या होगा ,
ये भ्रष्टाचार का रंग चुनो।
गर इस रंग में रंग जाओगे ,
नाती-पोते भी तर जायेंगे .,
साम्प्रदायिकता नाम है इसका ,
ये लाल हरा जो चमक रहा है .
वोट बहुत दिलवाता है ,
नेतागिरी चमकाता है .
चाहते यदि नेता बनना।
तो इससे ही होली खेलो ,
झूठ ,फरेब और धोखेबाजी ,
ये रंग थोड़े सस्ते हैं,
आम आदमी चाहे इनको ,
महंगाई में भी ले सकता है .
भौजी जो रंग तुमने है उठाया
नाम इसका नेता है .
एक बार इसको लगवालो ,
फिर देखो कैसे, गिरगिट सा रंग बदलता है .
और एक रंग इस जैसा ही ,
सफेद खून कहलाता है .
चमचों और चालबाजों पे ,
ये रंग खूब सुहाता है .
आतंकवादी का कहते हैं ,
कोई रंग नहीं होता ,
पर भूख गरीबी के रंग ,रंग कर ,
आओ मिल होली खेलें ,
टोली हुरियारों की आई ,
चलो -चलो होली खेलें .......आभा ....
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