संवेदनाओं के स्वरों का अर्थ क्या है ? जानती हूँ जग मैंतुझे पहचानती हूँ .
क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी
मरुभूमि है डगर मेरी,कब तलक है उसपे चलना ?
साथ कोई दे न सकता ,हर पथिक उस पर अकेला .
रज कणों की तपन को पावों नेअब अपनालिया है ,
मोम की गुडिया थी जो पत्थर की मूरत हो गयी है .
दुःख तो बस मेरा अकेला ,क्यों किसी को मैं दिखाऊँ ?
जानती हूँ भेद यह मैं ,संवेदना जो है दिखाता!
मैं वेदना से मुक्त हूँ इस ख़ुशी को निज में छिपाता
में सुखी हूँ तू दुखी है ,
यह दर्द चेहरे पे झलकता है तुम्हारे
क्याकरूँ संवेदना लेकर तुम्हारी
संवेदनाओं के स्वरों का अर्थ क्या है जानती हूँ
जग मैंतुझे पहचानती हूँ ------------
abha
क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी
मरुभूमि है डगर मेरी,कब तलक है उसपे चलना ?
साथ कोई दे न सकता ,हर पथिक उस पर अकेला .
रज कणों की तपन को पावों नेअब अपनालिया है ,
मोम की गुडिया थी जो पत्थर की मूरत हो गयी है .
दुःख तो बस मेरा अकेला ,क्यों किसी को मैं दिखाऊँ ?
जानती हूँ भेद यह मैं ,संवेदना जो है दिखाता!
मैं वेदना से मुक्त हूँ इस ख़ुशी को निज में छिपाता
में सुखी हूँ तू दुखी है ,
यह दर्द चेहरे पे झलकता है तुम्हारे
क्याकरूँ संवेदना लेकर तुम्हारी
संवेदनाओं के स्वरों का अर्थ क्या है जानती हूँ
जग मैंतुझे पहचानती हूँ ------------
abha
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