Wednesday, 2 January 2013


करुणा जीवन की उच्चतम घटना 
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बुद्ध के विचारों में ,
करुणा की परिभाषा --
प्रेम और ध्यान का जुड़ना ।।
करुणा और प्रेम जागे तो -
एक राजकुमार बुद्ध बना ।।
बुद्ध का प्रेम -जरूरत नहीं ,
बुद्ध का प्रेम- लालसा नहीं ,
बुद्ध का प्रेम -एक समर्पण .
बुद्ध का प्रेम -एक सहभागिता .
बुद्ध का प्रेम -कोई चाहत नहीं .
बुद्ध का प्रेम -कुछ मांगता नहीं .
बुद्ध का प्रेम -भिखारी नहीं .
बुद्ध का प्रेम एक सम्राट का प्रेम .
प्रेम के बदले कोई मांग नहीं .
प्रेम में केवल देने को तत्पर .
प्रेम देता है ,उसे देने की ख़ुशी है .
प्रेम में बुद्धत्व प्राप्त होना ---
प्रेम में सम्राट बन जाना ,
करुणा का सम्राट ,हृदय सम्राट .
ध्यान और प्रेम से पैदा हुई घटना ---करुणा
करुणा का सागर हिलोरें ले हृदय में .
प्रेम ध्यान करुणा -यानि --
शुद्ध सुवासित जीवन --
चारों ओर सुरभि !मधुर अहसास
तिरोहित अस्तित्व ---
अकारण आनन्दित मन ,
प्रेम ध्यान से निकली करुणा का आनंद .
जो! परिस्थिति जन्य नहीं है ,
जो ! भंग नहीं हो सकता ,
अन्तस् जाग जाता है ,
आत्मा का आत्मा से मिलन .
अस्तित्व परमात्मा बन गया . ....abha..

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