''एकैवाहं जगत्यत्र द्वितीया का ममापरा। ''---
दुर्गासप्तशती , स्त्रियों को जागृत करने की पुस्तक है , अपनी शक्तियों की पहचान करने की पुस्तक ,सभी कन्यायें --छोटी बड़ी ,बालिका ,युवा ,अधेड़ ,बूढी --इस पुस्तक को पढ़ें और अपने स्वरूप को पहचानें --ये केवल धार्मिक पुस्तक नही --स्त्री जागरण हेतु एक अनूठा अभियान है ---नवरात्रि की मंगलकामनायें --लुटती पिटती नारी जाती के त्राहिमाम स्वर के साथ।
दुर्गासप्तशती , स्त्रियों को जागृत करने की पुस्तक है , अपनी शक्तियों की पहचान करने की पुस्तक ,सभी कन्यायें --छोटी बड़ी ,बालिका ,युवा ,अधेड़ ,बूढी --इस पुस्तक को पढ़ें और अपने स्वरूप को पहचानें --ये केवल धार्मिक पुस्तक नही --स्त्री जागरण हेतु एक अनूठा अभियान है ---नवरात्रि की मंगलकामनायें --लुटती पिटती नारी जाती के त्राहिमाम स्वर के साथ।
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