जज्बात
मीठी झील का मोती ,कृत्रिम है कहलाता
मुझे खारा ही रहने दो , हूँ मैं सीप सागर की
ये खारे अश्रु आँखों के ,हैं- शर्तें मोती होने की
गमे उल्फत की जुंबिश ही इन्हें अनमोल करती है
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नखरे तेरे बहुत ,
हमनवा मेरे हैं कम ,
कुछ तो सुधर ऐ जिंदगी
सुनती कहां है ये !
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मोती हैं ये अश्कों के,सुलगते राज हैं दिल के
मीठी झील का मोती ,कृत्रिम है कहलाता
मुझे खारा ही रहने दो , हूँ मैं सीप सागर की
ये खारे अश्रु आँखों के ,हैं- शर्तें मोती होने की
गमे उल्फत की जुंबिश ही इन्हें अनमोल करती है
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नखरे तेरे बहुत ,
हमनवा मेरे हैं कम ,
कुछ तो सुधर ऐ जिंदगी
सुनती कहां है ये !
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मोती हैं ये अश्कों के,सुलगते राज हैं दिल के
जुल्मत में इन्हें रखूं , मोती ये मेरेदिल के
अयां गर हो गये जग में जालिम लूट ही लेंगें
फना हो जायेगी सीपी ,हैवानों के मकतल में ||
अयां गर हो गये जग में जालिम लूट ही लेंगें
फना हो जायेगी सीपी ,हैवानों के मकतल में ||
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साज ऐ गम में मुस्कुराहट का गुमां हो तुझे
साज ऐ गम में मुस्कुराहट का गुमां हो तुझे
सौ बार साज छेड़ के हम तो लुटा किये
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आज फिर उस गली से होके गुजरी
आज फिर निगाहों ने उनको ढूंढा
आज फिर हवाओं से फिजाओं से हुई बातें
आज फिर मैंने उनका पता पूछा
तेरी गली की हवा की छुवन में भी
गर्म भाप की सोंधी सी तेरी खुशबू है
है रिहायश तेरी मेरे भीतर ही है सनम
याद तुझको दिलाने की चाहत में
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आज फिर उस गली से होके गुजरी
आज फिर निगाहों ने उनको ढूंढा
आज फिर हवाओं से फिजाओं से हुई बातें
आज फिर मैंने उनका पता पूछा
तेरी गली की हवा की छुवन में भी
गर्म भाप की सोंधी सी तेरी खुशबू है
है रिहायश तेरी मेरे भीतर ही है सनम
याद तुझको दिलाने की चाहत में
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